Top पारद शिवलिंग कैसे साफ करें Secrets

भगवान कुबेर धन एवं निधि के देवता हैं और कुबेर कुंजी के माध्यम से इनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यदि कोई जातक सच्चे मन से कुबेर कुंजी की आराधना करता है तो उसके भाग्य में वृद्धि होती है तथा जीवन धन एवं वैभव से परिपूर्ण रहता है। कुबेर कुंजी घर के मंदिर, तिजोरी एवं अलमारी में राखी जाती है। वहीं ऑफिस आदि में जहाँ से आर्थिक लेनदेन होता हो वहाँ पर भी कुबेर कुंजी को स्थापित किया जा सकता है। कुबेर कुंजी सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओं को दूर करती है। करियर क्षेत्र में भी यह बेहद लाभकारी है। इससे जातक नई नौकरी, प्रमोशन, इंक्रीमेंट एवं अन्य प्रकार के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे आर्थिक जीवन भी मजबूत होता है।

वैसे तो नर्मदेश्वर शिवलिगं श्रेणी के शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरी नहीं होती है और पारद शिवलिंग भी अपने आप में एक पवित्र लिंगम है पर फिर भी शिवलिंग को घर में स्थापित करने से पहले उसकी भली प्रकार पूजा अर्चना किया जाना बहुत आवश्यक है। आइये जानते है किसी भी पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा

It is considered that it causes prosperity, favourable power, and likewise viewed as that goddess Lakshmi resides at that spot for generations to era. Also a person is relieved of Actual physical, spiritual, psychological Ailments. Siddh Parad Shivling may be obtained only throughout the blessings of renowned yogi, Expert, fantastic fortune, due to which anyone will be able to conduct noble deeds and thus attains read more Moksha.

सुखी जीवन का सूत्र: एक शिष्य ने रामकृष्ण परमहंस से पूछा कि सभी लोग सुख-सुविधाओं का लाभ उठाते हैं, लेकिन साधु-संतों के लिए इतने कठोर नियम क्यों बनाए गए हैं?

- मंदिर में कितना भी बड़ा शिवलिंग स्थापित किया जा सकता है.

परभणीतील नांदखेडा रस्त्यावरील बेलेश्वर कॉलेज समोर हे ठिकाण आहे.

इस श्लोक में बताया गया है कि करोड़ों शिवलिंगों के पूजन से जो फल प्राप्त होता है, उससे भी करोड़ गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा और दर्शन से प्राप्त होता है। पारद शिवलिंग के स्पर्श मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है।

राष्ट्रीय महामार्ग, तेलंगाना आणि महाराष्ट्र यांना जोडणारे शहर, मुंबई आणि हैदराबादला कनेक्टिव्हिटी मिळवून देते. हे महामार्ग परभणीसाठी पुढील कनेक्टिव्हिटी पर्याय उघडतात, इंदौर, झांसी, आग्रा आणि वाराणसी, नागपूर, आदिलाबाद, निजामाबाद, हैदराबाद, बेंगलोर आणि कन्याकुमारी सारख्या उत्तर-पूर्व शहरे इशानौर, उत्तर-पूर्व शहरांशी जोडण्यासाठी आहेत.

पारद श्री यंत्र को स्थापित करने की विधि:

राज्याला दोन उपमुख्यमंत्री असले तरी लक्ष कुणाचेच नाही

पारद शिवलिंग को स्थापित करने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ हो जाएं।

भगवान भोले नाथ ने स्वयं माता पार्वती से कहा था, की जो भी उपासक इस पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना करेगा

पारद शिवलिंग के दर्शन करके स्पर्श करने मात्र से महादेव प्रसन्न हो जाते है

आमतौर पर हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की साकार रूप की पूजा होती है, जिनके हाथ, पैर, चेहरा आदि होता है, लेकिन एकमात्र शिव ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजे जाते हैं.

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